🏞️ उदयपुर जिला – झीलों की नगरी का इतिहास, भूगोल और संस्कृति
उदयपुर, जिसे “झीलों की नगरी” और “पूर्व का वेनिस (Venice of East)” कहा जाता है, राजस्थान का एक अनोखा जिला है जो इतिहास, संस्कृति, प्राकृतिक सौंदर्य, और खनिज संपदा के लिए प्रसिद्ध है। यह जिला कभी मेवाड़ रियासत की राजधानी था और आज भी राजस्थान की सांस्कृतिक धरोहर का जीवंत प्रतीक है।
📍 भौगोलिक स्थिति और प्रशासनिक संरचना
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अक्षांश/देशांतर: 24.58° N, 73.68° E
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कुल क्षेत्रफल: 13,883 वर्ग किमी
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सीमाएँ:
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उत्तर: राजसमंद
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पूर्व: चित्तौड़गढ़, प्रतापगढ़
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दक्षिण: डूंगरपुर, बांसवाड़ा
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पश्चिम: सिरोही
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उत्तर-पश्चिम: पाली
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प्रमुख तहसीलें: मावली, गोगुंदा, कोटड़ा, झाड़ोल, गिरवा, वल्लभनगर, लासाड़िया, सलूम्बर, सराड़ा, ऋषभदेव, खेड़वाड़ा, सेमारी
🏺 ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य
● आहार-बाणास सभ्यता (3000–1500 ई.पू.)
उदयपुर की प्राचीनता आहार सभ्यता से जुड़ी है, जो सिंधु घाटी सभ्यता की समकालीन मानी जाती है। यहाँ तांबे के औजार, अनाज, और मिट्टी के बर्तन पाए गए हैं।
● उदयपुर की स्थापना
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1559 ई. में महाराणा उदयसिंह द्वितीय ने चित्तौड़ पर मुगल आक्रमण के बाद उदयपुर को मेवाड़ की राजधानी बनाया।
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नगर को 6 किमी लंबी परकोटा दीवार और 7 द्वारों से सुरक्षित किया गया।
👑 प्रमुख शासक और उनकी उपलब्धियाँ
| शासक | उपलब्धियाँ |
|---|---|
| उदयसिंह द्वितीय | उदयपुर की स्थापना |
| महाराणा प्रताप | हल्दीघाटी युद्ध, चावंड राजधानी |
| जगत सिंह प्रथम | जग मंदिर निर्माण |
| राज सिंह प्रथम | राजसमंद झील निर्माण |
| जय सिंह | जयसमंद झील निर्माण |
| फतेह सिंह | फतेहसागर झील, दिल्ली दरबार का बहिष्कार |
| भूपाल सिंह | राजस्थान के प्रथम राजप्रमुख |
🏯 प्रमुख ऐतिहासिक स्थल
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सिटी पैलेस: राजस्थानी-मुगल शैली का भव्य महल परिसर।
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लेक पैलेस (जग निवास): पिचोला झील में स्थित संगमरमर का सुंदर महल।
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जग मंदिर: शाहजहाँ को शरण देने वाला ऐतिहासिक स्थल।
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मानसून पैलेस (सज्जनगढ़): पहाड़ी पर बना शानदार महल, सूर्यास्त के लिए प्रसिद्ध।
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जगदीश मंदिर: विष्णु को समर्पित भव्य मंदिर (1651)।
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आहार संग्रहालय: छतरियाँ, मूर्तियाँ और बुद्ध प्रतिमा।
🌊 प्रमुख झीलें व प्राकृतिक स्थल
| झील | विशेषताएँ |
|---|---|
| पिचोला झील | जग निवास व जग मंदिर से युक्त, नौका विहार के लिए प्रसिद्ध |
| फतेहसागर झील | नेहरू पार्क और सौर वेधशाला स्थित |
| जयसमंद झील | एशिया की दूसरी सबसे बड़ी कृत्रिम मीठे पानी की झील |
| उदयसागर झील | 1559 में निर्मित, 9 मीटर गहरी |
| दूधतलाई | सुंदर झील और दो प्रमुख बाग: माणिक्यलाल वर्मा गार्डन और दीनदयाल पार्क |
| सज्जनगढ़ जैविक उद्यान | बाघ, शेर, घड़ियाल, शुतुरमुर्ग आदि |
⛏️ खनिज एवं प्राकृतिक संसाधन
| खनिज | स्थान |
|---|---|
| सीसा-जस्ता | ज़ावर माइंस (14वीं सदी से) |
| रॉक फॉस्फेट | झाड़ोल व उदयसागर क्षेत्र |
| संगमरमर (हरा-गुलाबी) | उदयपुर दक्षिणी क्षेत्र |
| पन्ना (Emerald) | दुर्लभ रूप में उपलब्ध |
📌 राजस्थान में खनिज उत्पादन मूल्य में प्रथम स्थान।
👥 जनसंख्या और सामाजिक स्थिति
| विषय | आँकड़े (2011) |
|---|---|
| कुल जनसंख्या (शहरी) | 6,08,426 |
| जनसंख्या घनत्व | 262 व्यक्ति प्रति वर्ग किमी |
| प्रमुख जनजातियाँ | भील, मीणा, गरासिया |
| प्रमुख भाषाएँ | हिंदी, मेवाड़ी |
🎭 लोकनृत्य, त्योहार और सांस्कृतिक विरासत
● प्रमुख लोकनृत्य:
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घूमर – महिलाओं का पारंपरिक नृत्य
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कालबेलिया – सपेरा समुदाय का नृत्य
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भवाई – कलाबाजी सहित संतुलन का अद्भुत नृत्य
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कच्छी घोड़ी – पुरुषों द्वारा तलवार और घोड़े के साथ प्रदर्शन
● प्रमुख त्यौहार व मेले:
| उत्सव | समय | विशेषता |
|---|---|---|
| गणगौर | चैत्र | गणगौर घाट पर विशेष आयोजन |
| शिल्पग्राम उत्सव | दिसंबर | 10 दिवसीय सांस्कृतिक मेला |
| हरियाली अमावस्या | सावन | वर्षा और हरियाली का स्वागत |
| जगन्नाथ रथ यात्रा | आषाढ़ | भव्य शोभायात्रा |
| जल-झूलनी एकादशी | भाद्रपद | झीलों में डोल यात्रा |
📌 निष्कर्ष
उदयपुर जिला राजस्थान का एक ऐसा भाग है जहाँ इतिहास, संस्कृति, प्राकृतिक सौंदर्य और पर्यटन का अपार खजाना मौजूद है।
यहाँ की झीलें, महल, खनिज संपदा, लोक संस्कृति और मेवाड़ की ऐतिहासिक विरासत इसे न केवल राजस्थान बल्कि भारत का गौरव बनाती हैं।