बम से बगावत करने वाला योद्धा: जोरावर सिंह बारहठ - Rajasthan Study

बम से बगावत करने वाला योद्धा: जोरावर सिंह बारहठ

 

जोरावरसिंह बारहठ



🔰 परिचय:

1883 में उदयपुर में जन्मे जोरावरसिंह बारहठ, केसरीसिंह के भतीजे थे। वे एक साहसी क्रांतिकारी थे जिन्होंने ब्रिटिश सत्ता को ललकारा।

💣 क्रांतिकारी गतिविधियाँ:

  • 1912: दिल्ली के चाँदनी चौक में पीनपी बैंक पर बम फेंका

  • इसके बाद नाम बदलकर अमरसिंह बैरागी बने और भूमिगत हो गए

  • दुर्भाग्यवश, निमोनिया से कोटा में उनका अल्पायु में निधन

जोरावर (ठाकुर ज़ोरावर) सिंह बारहठ ने ब्रिटिश वायसरॉय लॉर्ड चार्ल्स हारडिंग (Lord Hardinge) पर बम फेंका। यह हमला 23 दिसंबर 1912 को दिल्ली के चांदनी चौक में वायसरॉय के शाही जलसे के दौरान हुआ था। 

✨ निष्कर्ष:

वे उन क्रांतिकारियों में से थे, जिन्होंने अपने प्राणों की आहुति देकर देश को जगाया। उनका नाम भारत की गुप्त क्रांति की सुनहरी कहानियों में अमर है।


बारहठ परिवार की परंपरा में स्थान

बारहठ परिवार को "राजस्थान का क्रांतिकारी परिवार" कहा जाता है। इस परिवार के तीन सदस्य – ठाकुर केसरी सिंह, प्रताप सिंह और जोरावर सिंह – ने मिलकर अंग्रेजों की नींव हिलाने का कार्य किया।

इन तीनों की गाथाएं आज भी राजस्थान के लोकगीतों और साहित्य में अमर हैं।



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