दाढ़ी मूँछ वाले हनुमानजी की यहां होती है पूजा - Rajasthan Study

दाढ़ी मूँछ वाले हनुमानजी की यहां होती है पूजा

 

सालासर बालाजी: राजस्थान का अद्भुत आस्था स्थल

सालासर बालाजी: राजस्थान का अद्भुत आस्था स्थल

राजस्थान के चुरू जिले में स्थित सालासर बालाजी मंदिर उन धार्मिक स्थलों में से एक है, जिसे हर साल लाखों श्रद्धालु अपनी आस्था के साथ देखने आते हैं। यह मंदिर विशेष रूप से भगवान हनुमान के भक्तों के लिए प्रसिद्ध है। यहाँ आने वाले भक्त न केवल अपनी मनोकामनाएँ पूरी करने आते हैं, बल्कि राजस्थान की सांस्कृतिक धरोहर और अद्भुत परंपराओं का भी अनुभव करते हैं।

"सालासर बालाजी मंदिर की मूर्ति"

मंदिर का इतिहास

कहते हैं कि सालासर बालाजी की मूर्ति 1811 में एक किसान मोहनदास के खेत में मिली थी। उन्होंने मूर्ति को पूजना शुरू किया और बाद में हनुमान जी ने सपने में दर्शन देकर मूर्ति की स्थापना का आदेश दिया। मूर्ति में हनुमान जी को दाढ़ी-मूंछ के साथ दर्शाया गया है, जो इसे और भी आकर्षक बनाता है।

प्रमुख मेले

शरद पूर्णिमा मेला

यह मेला अश्विन माह की शरद पूर्णिमा के अवसर पर आयोजित होता है। लाखों श्रद्धालु यहाँ आते हैं। मेले में भजन-कीर्तन, हवन और सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित होते हैं।

हनुमान जयंती मेला

हनुमान जी की जन्म जयंती पर यह मेला आयोजित होता है। भक्तों की श्रद्धा और आस्था का अद्भुत नजारा देखने को मिलता है।

"सालासर बालाजी मेला"

मंदिर की अनोखी परंपराएँ

  • नारियल बांधना: भक्त मंदिर के पास खेजड़ी के पेड़ पर नारियल बांधते हैं।
  • चूरमा का भोग: मंदिर में चूरमा का भोग अर्पित करने की परंपरा सदियों से चली आ रही है।
  • पैदल यात्रा: कई भक्त पैदल यात्रा करके मंदिर पहुँचते हैं, जो एक आध्यात्मिक अनुभव प्रदान करती है।

मंदिर का वातावरण

मंदिर का वातावरण शांत और मन को आनंदित करने वाला है। यहाँ के भजन-कीर्तन और मेलों का माहौल भक्तों को आध्यात्मिक अनुभव देता है।

कैसे पहुँचें

सालासर बालाजी मंदिर राष्ट्रीय राजमार्ग 65 के पास चुरू जिले में स्थित है।

  • रेल मार्ग: नजदीकी रेलवे स्टेशन सुजानगढ़, मंदिर से 26 किलोमीटर दूर।
  • सड़क मार्ग: जयपुर और आसपास के शहरों से सड़क मार्ग द्वारा पहुँचा जा सकता है।

क्यों खास है सालासर बालाजी

यह मंदिर धार्मिक आस्था का केंद्र होने के साथ-साथ राजस्थान की सांस्कृतिक धरोहर का प्रतीक भी है। यहाँ आने वाले भक्तों को आध्यात्मिक शांति और सांस्कृतिक अनुभव दोनों प्राप्त होते हैं।

FAQ (अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न)

Q1: सालासर बालाजी मंदिर का इतिहास क्या है?

A1: सालासर बालाजी की मूर्ति 1811 में एक किसान के खेत में मिली थी। बाद में इसे मंदिर में स्थापित किया गया।

Q2: सालासर बालाजी में सबसे बड़ा मेला कब होता है?

A2: शरद पूर्णिमा और हनुमान जयंती के अवसर पर यहाँ बड़े मेले आयोजित होते हैं।

Q3: सालासर बालाजी कैसे पहुँचा जा सकता है?

A3: रेलवे के लिए सुजानगढ़ स्टेशन और सड़क मार्ग से राष्ट्रीय राजमार्ग 65 द्वारा पहुँचा जा सकता है।

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