चितौड़ का सांवलिया सेठ मंदिर - Rajasthan Study

चितौड़ का सांवलिया सेठ मंदिर

 चितौड़ का सांवलिया सेठ मंदिर – RPSC की तैयारी के लिए मुख्य जानकारी




📍 मंदिर की लोकेशन


जिला – चित्तौड़गढ़ (राजस्थान)


स्थान – मांडफिया गाँव, चित्तौड़गढ़-उदयपुर रोड पर स्थित


यह मंदिर उदयपुर से लगभग 85 किमी और चित्तौड़गढ़ से लगभग 40 किमी दूर है।


🕉️ मंदिर का इतिहास


सांवल्या सेठ को श्रीकृष्ण का एक रूप माना जाता है।


मान्यता है कि 19वीं शताब्दी में एक किसान को खुदाई के दौरान तीन मूर्तियाँ मिलीं – मांडफिया, भदेसर और मोजुदा मंदिर वाली।


इन मूर्तियों की प्रतिष्ठा के बाद मंदिर का निर्माण हुआ।


वर्तमान मंदिर का विकास 1990 के दशक में शुरू हुआ और अब यह भव्य रूप ले चुका है।


🌟 विशेषताएँ और मान्यताएँ


सांवलिया सेठ को "धन के देवता" के रूप में भी पूजा जाता है।


भक्तों की आस्था है कि यहाँ मांगी गई मुरादें ज़रूर पूरी होती हैं।


व्यापारी वर्ग यहाँ अपनी बही खाता पूजन करवाने विशेष रूप से आते हैं।


भक्त अपनी मनोकामनाएँ पूरी होने पर दान में पैसा, सोना या मिठाइयाँ चढ़ाते हैं।


📅 महत्वपूर्ण मेले और पर्व


जन्माष्टमी – यहां सबसे बड़ा मेला लगता है।


गुरुवार और पूर्णिमा के दिन विशेष भीड़ रहती है।


अन्नकूट, दीवाली, होली आदि पर विशेष सजावट की जाती है।



📘 परीक्षा उपयोगी तथ्य (One-Liner Format)

क्रमांक जानकारी

1 सांवलिया सेठ मंदिर चित्तौड़गढ़ जिले में है।

2 यह मंदिर श्रीकृष्ण के सांवले रूप को समर्पित है।

3 मंदिर मांडफिया गाँव में स्थित है।

4 जन्माष्टमी पर यहाँ भव्य मेला लगता है।

5 सांवलिया सेठ को 'धन का देवता' भी कहा जाता है।


👉 उदाहरण प्रश्न (Mock Questions):


सांवलिया सेठ मंदिर किस जिले में स्थित है?

➤ चित्तौड़गढ़


सांवलिया सेठ को किस देवता का रूप माना जाता है?

➤ श्रीकृष्ण


मांडफिया किस प्रसिद्ध मंदिर से जुड़ा है?

➤ सांवलिया सेठ मंदिर


चितौड़ का सांवलिया सेठ मंदिर

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