अलवर जिला - Rajasthan Study

अलवर जिला

🏞️ अलवर जिला दर्शन – राजस्थान का प्रवेश द्वार | Alwar District 



“जहाँ इतिहास, प्रकृति और संस्कृति एक साथ मिलती हैं”

अलवर, राजस्थान का एक ऐतिहासिक और सांस्कृतिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण जिला है, जिसे “राजस्थान का प्रवेश द्वार” कहा जाता है। यहां की झीलें, किले, वन्यजीव अभयारण्य, और लोक संस्कृति इसे एक अद्वितीय पहचान प्रदान करती हैं।


📚 Table of Contents

  1. अलवर की भौगोलिक स्थिति

  2. सामान्य जानकारी

  3. ऐतिहासिक पृष्ठभूमि

  4. प्रमुख दर्शनीय स्थल

  5. प्राकृतिक सौंदर्य और वन्यजीव

  6. नदियाँ

  7. उद्योग एवं व्यापार

  8. सांस्कृतिक और लोक कला

  9. शिक्षा और संस्थान

  10. प्रमुख व्यक्तित्व

  11. रोचक तथ्य

  12. निष्कर्ष

  13. SEO Keywords


🌐 1. अलवर की भौगोलिक स्थिति

विवरणआँकड़े
अक्षांश-देशांतर27.55°N, 76.63°E
क्षेत्रफललगभग 8,380 वर्ग किमी
जलवायुअर्द्ध-शुष्क एवं आर्द्र (गर्मी: 45°C, सर्दी: 5°C)
भूगोलअरावली की पहाड़ियों से घिरा हुआ

📌 2. सामान्य जानकारी

  • जिला पुनर्गठन: अलवर से तीन जिले बने – अलवर, खैरथल-तिजारा, और कोटपूतली-बहरोड़

  • उपखंड: 9 उपखंड

  • तहसीलें: 12 तहसीलें

  • सीमाएँ: जयपुर ग्रामीण, दौसा, भरतपुर, डीग, खैरथल, कोटपूतली और हरियाणा राज्य

  • राष्ट्रीय राजमार्ग: NH-248A, NH-921, दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे


🏰 3. ऐतिहासिक पृष्ठभूमि

  • स्थापना: 1775 ई. में रावराजा प्रतापसिंह द्वारा

  • प्रथम राजधानी: राजगढ़, बाद में अलवर

  • संधि: बख्तावर सिंह ने ईस्ट इंडिया कंपनी से सहायक संधि की

  • विलय: 1949 में मत्स्य संघ से राजस्थान में सम्मिलित


🕌 4. प्रमुख दर्शनीय स्थल



स्थलविशेषता
भानगढ़ किलाभारत का सबसे रहस्यमयी किला
बाला किला (कुंवारा किला)हसन खां मेवाती द्वारा निर्मित, अलवर शहर के ऊपर स्थित
सिटी पैलेस (विनय विलास महल)1776 ई. में महाराजा विनयसिंह द्वारा निर्मित
मूसी महारानी की छतरी80 खंभों वाली स्थापत्य कला का अद्भुत नमूना
सिलीसेढ़ झील"राजस्थान का नन्दनकानन" कहा जाता है
विजय मंदिर महलमहाराजा जयसिंह द्वारा 1918 में बनवाया गया
नीलकण्ठ मंदिरबड़गुर्जर नरेशों की राजधानी, शिव मंदिर प्रसिद्ध
भर्तृहरि मन्दिरश्रावण-भाद्रपद पूर्णिमा को बड़ा मेला
नारायणी माता मंदिरनाइयों की कुलदेवी का मंदिर
फतेहगंज गुम्बद1547 ई. का स्थापत्य चमत्कार
ईटाराणा की हवेलीशाही स्थापत्य शैली का उदाहरण
कुतुबखानाशाही पुस्तकालय, महाराजा विनयसिंह द्वारा स्थापित

🌿 5. प्राकृतिक सौंदर्य और वन्यजीव



🐅 सरिस्का टाइगर रिजर्व

  • राजस्थान का सबसे छोटा वन्यजीव अभयारण्य

  • बाघ, तेंदुआ, नीलगाय, सांभर आदि पाए जाते हैं

  • यहां की बायोडायवर्सिटी और जंगल सफारी आकर्षण का केंद्र हैं

अन्य प्राकृतिक स्थल:

  • ताल वृक्ष (ऋषि मांडव्य की तपोस्थली)

  • रावण देहरा (प्राचीन नगर के ध्वंसावशेष)

  • पांडुपोल (हनुमान जी की शयन मुद्रा वाली मूर्ति)


🌊 6. प्रमुख नदियाँ

नदीविवरण
साबी नदीअरावली से निकलती है, मुख्य नदी
रूपारेल नदीसहायक नदी
चुहाड़ा नदीक्षेत्रीय नदी, बरसात में सक्रिय

🏭 7. उद्योग एवं व्यापार

  • प्याज प्रोसेसिंग यूनिट – कृषि आधारित उद्योग

  • माचिस उद्योग – पारंपरिक घरेलू उद्योग

  • तांबा खनन – खो-दरीबा क्षेत्र प्रसिद्ध

  • कलाकंद (मावा) – देशभर में प्रसिद्ध मिठाई

  • औद्योगिक क्षेत्र: बहरोड़, नीमराना, तिजारा, खुशखेड़ा


🎭 8. सांस्कृतिक और लोक कला

  • भपंग वाद्ययंत्र – अलवर की परंपरागत ध्वनि कला

  • अली बख्शी ख्याल – लोक नाट्य की अद्भुत शैली

  • बम नृत्य – भरतपुर और अलवर क्षेत्र में प्रचलित


🎓 9. शिक्षा और अनुसंधान

संस्थानविवरण
जल विश्वविद्यालयराजस्थान का पहला जल विशेषज्ञ विश्वविद्यालय
CRPF महिला बटालियन17 जुलाई 2013 को गठित
इंजीनियरिंग और फार्मेसी कॉलेजविभिन्न उच्च शिक्षण संस्थान

👤 10. प्रमुख व्यक्तित्व

  • राजेन्द्र सिंह: जलपुरुष, रेमन मैग्सेसे अवार्ड

  • मेजर सौरभ सिंह शेखावत: एवरेस्ट फतह करने वाले राजस्थान के पहले नागरिक

  • स्वामी विवेकानंद: 1891 और 1897 में अलवर प्रवास


🎯 11. अन्य रोचक तथ्य

  • अलवर का शुभंकर: सांभर

  • भानगढ़ किला: एशिया का सबसे डरावना किला माना जाता है

  • पांडवकालीन स्थल: पांडुपोल

  • दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे: जिले से होकर गुजरता है

  • सरिस्का में बाघों की पुनर्स्थापना: पर्यावरणीय सफलता की मिसाल


📝 12. निष्कर्ष

अलवर केवल एक ऐतिहासिक स्थल ही नहीं, बल्कि यह संस्कृति, पर्यावरण, शिक्षा, और औद्योगिक विकास का उत्कृष्ट उदाहरण है। यदि आप राजस्थान को उसकी समृद्ध विरासत और आधुनिक उपलब्धियों के साथ देखना चाहते हैं, तो अलवर अवश्य जाएँ। 

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