सुनहरा जैसलमेर जिला दर्शन | - Rajasthan Study

सुनहरा जैसलमेर जिला दर्शन |

 

सुनहरा जैसलमेर जिला दर्शन | 



राजस्थान का जैसलमेर जिला, जिसे “स्वर्ण नगरी” (Golden City) और “सोनार किला” (Sonar Fort) के नाम से जाना जाता है, ऐतिहासिक, प्राकृतिक और सांस्कृतिक दृष्टि से अत्यंत समृद्ध है। थार के रेगिस्तान की विशालता, प्राचीन हवेलियाँ, वीरता की गाथाएँ और लोक संस्कृति इसे राजस्थान के प्रमुख जिलों में से एक बनाते हैं।


📍 जैसलमेर जिले का संपूर्ण विवरण

विशेषताविवरण
अक्षांश‑देशांतर26.9157° N, 70.9083° E
क्षेत्रफललगभग 38,401 वर्ग किमी — यह राजस्थान का तीसरा सबसे बड़ा जिला है। 
जलवायुअत्यधिक शुष्क, गर्मियों में तापमान 45‑50°C तक और सर्दियों में लगभग 0‑5°C तक गिर सकता है।
भूभागथार मरुस्थल का भाग; रेत के टीले, उँची रेत की चोटियाँ, सीमित वनस्पति आदि।

👥 जनसंख्या एवं साक्षरता दर (2011 की जनगणना अनुसार)

निम्न आंकड़े जैसलमेर जिले के 2011 के डेटा पर आधारित हैं:

घटकविवरण
कुल जनसंख्यालगभग 669,919 लोग 
पुरुष आबादी361,708 
महिला आबादी308,211 
लिंगानुपातलगभग 852 महिलाएँ प्रति 1000 पुरुष .
बच्चे (0‑6 वर्ष)लगभग 130,463 (लगभग 19% जनसंख्या
औसत साक्षरता दर57.22% 
पुरुष साक्षरता दरलगभग 72.04% 
महिला साक्षरता दरलगभग 39.71% 
शहरी आबादी प्रतिशतलगभग 13.29%
ग्रामीण आबादी प्रतिशतलगभग 86.71% 

🏛 इतिहास एवं सांस्कृतिक महत्व

  • जैसलमेर की स्थापना 1156 ई. में राव जैसल ने त्रिकूट पहाड़ी पर की थी।

  • प्राचीन नाम मांडधरा या वल्लमंडल माना जाता है।

  • 1949 में जैसलमेर राजस्थान राज्य में शामिल हुआ।

  • “स्वर्ण नगरी” नाम इस धारणा पर आधारित है कि सूरज की किरणें यहाँ की सुनहरी भूरी इमारतों और रेत पर पड़ने पर एक सुनहरी चमक देती हैं।


🌟 प्रमुख स्थल एवं संरचनाएँ



  • जैसलमेर दुर्ग / सोनारगढ़ दुर्ग — मुख्य आकर्षण, महलों और किले‑दीवारों से सुसज्जित।

  • पटवों की हवेली, नथमलजी की हवेली, सालिमसिंह की हवेली — वास्तुकला और झरोखों की खूबसूरती।

  • पोखरण दुर्ग, मरु मेला आदि लोक उत्सव जो राजस्थान की लोक संस्कृति का परिचय कराते हैं।


🌿 प्राकृतिक एवं वन्यजीव

  • राष्ट्रीय मरू उद्यान — जैसलमेर के दक्षिण‑पश्चिम में स्थित; थार मरुस्थल की प्रजातियों का संरक्षण।

  • वुड फॉसिल पार्क (आकलगाँव) — लगभग 18 करोड़ वर्ष पुराने पेड़ों और पौधों के जीवाश्म।

  • लोक देवताओं के स्थल, रेगिस्तानी झीलें, वाटरहोल्स आदि प्रकृति प्रेमियों के लिए आकर्षण।


🏭 उद्योग एवं व्यापार

  • तेल एवं गैस: जैसलमेर में स्त्रोत जैसे घोटारू आदि, जहां प्राकृतिक गैस व हीलियम भी पायी गई है।

  • पवन ऊर्जा: जैसलमेर के अमरसागर में स्थापित पवन ऊर्जा संयंत्र।

  • हस्तशिल्प और पर्यटन: हवेलियाँ, सोने के हार, पारंपरिक वस्त्र, मर्ुस्थली पर्यटन आदि आर्थिक गतिविधियों के केन्द्र हैं।


📚 शिक्षा एवं अनुसंधान

  • जिले की साक्षरता दर जनसंख्या की तुलना में कम है, विशेषकर महिला साक्षरता में।

  • शहरी क्षेत्रों में शिक्षा सुविधाएँ अधिक हैं; ग्रामीण भागों में स्कूलों की दूरी, संसाधनों की कमी और जल व मौसम की चुनौतियाँ प्रभावी हैं।

  • रिसर्च व संग्रहालय‑स्तर पर जैसलमेर में कुछ संस्थाएँ हैं जो इतिहास, जीवाश्म विज्ञान और मरुस्थली अध्ययन से जुड़ी हैं।


📝 अन्य महत्वपूर्ण तथ्य

  • जैसलमेर में शहरी एवं ग्रामीण लिंगानुपात और बाल लिंगानुपात में अन्तर है।

  • जिले की जनसंख्या घनत्व भरी नहीं है (लगभग 17 व्यक्ति/वर्ग किलोमीटर) क्योंकि क्षेत्रफल बहुत बड़ा है। 

  • यहाँ की भाषा‑संस्कृति, लोकगीत और पारंपरिक परिधान अपनी विशिष्ट पहचान रखते हैं।


✅ निष्कर्ष



जैसलमेर जिला राजस्थान का एक ऐसा क्षेत्र है जहाँ इतिहास, प्रकृति, संस्कृति और जीवन की चुनौती (मरुस्थली जीवन) सुंदर संतुलन में विद्यमान है। जनसंख्या और शिक्षा के आँकड़े बताते हैं कि प्रदेश विकास की राह पर है, लेकिन महिला शिक्षा, ग्रामीण विद्यालयों की स्थिति और बुनियादी संसाधन बेहतर किए जाने की आवश्यकता है।

जैसलमेर की “स्वर्णता” सिर्फ उसके किलों या हवेलियों में ही नहीं, बल्कि उसकी संस्कृति, लोगों के जीवन संघर्षों और मरुस्थल की कठोर सुंदरता में भी है।

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